वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज :- नगर पालिका पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर का अध्यक्ष पद अनुसूचति जाति महिला के लिए आरक्षित हो गया है। पिछले 35 वर्षों में तीसरी बार महिला को शहर के प्रथम नागरिक होने का सम्मान मिलेगा। इसके पूर्व 1995 और 2012 में नगर पालिका अध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित हुआ था। वर्तमान की नगर पालिका पंडित दीन दयाल उपाध्याय नगर पूर्व में मुगलसराय के नाम से प्रसिद्ध थी। उस दौरान यह वाराणसी जनपद में रहते हुए यह 1920 में नोटिफाइड एरिया के रूप में अस्तित्व में आया था। धीरे-धीरे इसका विस्तार होता गया। स्वतंत्रता के बाद नोटिफाइड एरिया चतुर्थ श्रेणी का दर्जा प्राप्त किया। 1958 में नोटिफाइड एरिया की जगह नगर पालिका अस्तित्व में आया। यहीं से चुनाव का दौर आरंभ हुआ। एक अक्टूबर 1966 को नगर पालिका को तृतीय श्रेणी का दर्जा मिला। इस दौरान कई अध्यक्ष चुने गए। एक अक्टूबर 1974 को नगर पालिका प्रथम श्रेणी में आ गई। इसके बाद किसी कारण वश चुनाव का दौर बंद हो गया।
अक्टूबर 1988 में हुए चुनाव में निर्दल लड़कर सिराजुल हक नगर के प्रथम नागरिक होने का गौरव हासिल किए। इस दौरान वार्ड सभासद भी चुने गए। तीन दिसंबर 1995 में फिर से चुनाव हुआ। इस चुनाव में पहली बार भाजपा की टिकट पर महिला सरस्वती देवी को नगर का प्रथम नागरिक होने का गौरव हासिल हुआ। चार दिसम्बर 2000 को हुए चुनाव में बसपा के मुसाफिर सिंह चौहान निर्वाचित हुए थे। पांच साल तक चेयरमैन रहे। उसके बाद 15 नवंबर 2006 में हुए चुनाव में समाजावादी पार्टी ने राजकुमार जायसवाल को मैदान में उतारा था। राजकुमार जायसवाल ने चेयरमैन पद का चुनाव जीता था। उसके बाद आठ जुलाई 2017 को हुए चुनाव में भाजपा ने इस पर कब्जा कर लिया । इस चुनाव में रेखा जायसवाल ने बाजी मारी थी। नगर का प्रथम नागरिक होने वाली दूसरी महिला का दर्जा प्राप्त किया। वर्ष 2017 में हुए चुनाव में भाजपा से संतोष खरवार नगर पालिका अध्यक्ष पद पर काबिज हुए। एक बार फिर से नगर पालिका अध्यक्ष महिलाओं के लिए आरक्षित हुआ है। इस बार पीडीडीयू नगर पालिका की सीट अनुसूचित महिला के लिए आरक्षित हुई है। वर्ष 1988 से अब तक तीसरी बार नगर पालिका अध्यक्ष पद की सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हुई है।